Thursday, February 24, 2011

मिथिलाक लोक वाद्य ''रसनचौकी'' प्रस्तुति करैत किछु लोक कलकार, स्थान - भटसिमर, मधुबनी, मई 2010





1 comment:

  1. इन लोक कलाकारों को आप सामने लाने का आपका प्रयास निश्चित ही सराहनीय है। गरीबी और अन्य तमाम कठिनाईयों से जूझते यह कलाकार संस्कृति का अलख जगाए रखते हैं। पर इनकी दशा सुधरनी चाहिए ताकि एक दिशा मिल सके इनके जीवन को, और कला को भी।

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